प्रियंका गोयल एक उदाहरण हैं कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता के लिए परिश्रम और आत्म-संघर्ष का महत्व क्या होता है। वे दिल्ली से हैं और अपनी शिक्षा को महाराजा अग्रसेन मॉडल स्कूल, पितामपुरा से पूरा किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के केशव महाविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
उनका सफर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को पास करने और एक आईएएस अधिकारी बनने की दिशा में उनके स्नातक के बाद ही शुरू हुआ। प्रियंका को अपनी पहली कोशिश में संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर पाने के बाद बहुत धैर्य और संघर्ष की जरूरत पड़ी।
उन्होंने दूसरी कोशिश में भी प्रारंभिक परीक्षा को पास नहीं किया, लेकिन वह केवल 0.7 अंकों से बाहर रह गई। तीसरे और चौथे प्रयास में भी वह असफल रहीं।
कई लोग उस समय उम्मीद छोड़ देते, लेकिन प्रियंका ने संघर्ष को जारी रखा। उनकी प्रारंभिक कोशिशों में, उन्हें पाठ्यक्रम की समग्र जानकारी की कमी की वजह से असफलता का सामना करना पड़ा।
उनके अगले प्रयासों में, प्रियंका गोयल को संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा और सीएसएटी में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसे कोविड युग में उनकी मां के 80% फेफड़ों के नुकसान की अनभिज्ञता ने और भी बढ़ा दिया।
दुर्भाग्यवश, उन्होंने पाँचवीं कोशिश में भी प्रारंभिक परीक्षा को पास नहीं किया। उन्होंने अपने वैकल्पिक विषय लोक प्रशासन में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए (292)।
अंतिम सूची में, उन्होंने साक्षात्कार में 193 अंकों के साथ 965 अंक प्राप्त किए। प्रियंका की कहानी दिखाती है कि दृढ़ संघर्ष और आशावाद अंततः व्यक्तियों को उनके सपनों की प्राप्ति की दिशा में ले जा सकते हैं।