असफलता से सफलता का रास्ता चुनौतीपूर्ण होता है। राहुल संकनुर ने यूपीएससी परीक्षा में चार बार नाकाम होने के बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने लगातार प्रयास किया। पांचवें अटेम्प्ट में उन्हें सफलता मिली। राहुल ने ऑल इंडिया लेवल पर 17वीं रैंक हासिल की। यूपीएससी की परीक्षा के दौरान फोकस को बनाए रखने का सलाह दिया गया।
नेगेटिविटी से दूर रहने का महत्व बताया गया। समग्र तैयारी पर फोकस करने की सलाह दी गई। घटनाओं के प्रति चौकस और जागरूक रहने को कहा गया। यूपीएससी परीक्षा पास करने में पांच साल लगे। परिवार से भरपूर समर्थन मिला। राहुल का पहला गंभीर प्रयास 2015 में था। उन्होंने 2016, 2017 और 2018 में भी प्रयास किया।
2018 में उन्हें सफलता मिली। राहुल ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने एक MNC में नौकरी की। दो साल के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में लगा। हर बार नाकाम होने पर राहुल ने हार नहीं मानी। परिवार ने उन्हें समर्थन दिया। उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा। राहुल ने आखिरकार सफलता पाई। राहुल ने आईटी कंपनी में नौकरी की थी। उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में लग गए। राहुल का परिवार उन्हें हमेशा समर्थन दिया। राहुल ने अंततः सफलता पाई। राहुल की कहानी इस्पेटाचुलर है। राहुल ने अपने सपने को पूरा किया।