IAS केम्पा होन्नाह दिव्यांगता के बावजूद अपनी किस्मत को खोजते हुए एक मिसाल हैं। उन्होंने तीसरी क्लास में पढ़ाई करते समय अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। केम्पा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2016 में यूपीएससी पास करके IAS अधिकारी बने। उन्होंने कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरा किया। केम्पा पढ़ने में हमेशा अच्छे रहे और उन्हें मैसूर में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी मिली।
उन्होंने आंखों की रोशनी खोने के बावजूद विभिन्न परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कभी हार नहीं मानी। केम्पा ने महाराजा कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयारी की और तीसरे प्रयास में सफल हुए। उन्होंने यूपीएससी में 340वां स्थान हासिल किया। इस सफलता में उनके परिवार और दोस्तों का बड़ा हाथ रहा।
केम्पा की सफलता में उनके साथियों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अपने परिवार का नाम रौशन किया। केम्पा के विचारों में हमेशा आगे बढ़ने का जादू रहा। उन्होंने अपने लक्ष्य की दिशा में अड़चनों का सामना किया। उन्होंने विशेषतः अपने सपनों को हासिल करने के लिए कभी निराश नहीं हुए। केम्पा ने अपने असामान्य योगदान के लिए लोगों के दिलों में जगह बनाई। उन्होंने अपनी सामर्थ्य का प्रमाण दिया कि कोई भी किसी भी समय में अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
उनकी कहानी हर किसी को प्रेरित करने वाली है। केम्पा की सफलता उनकी मेहनत, उत्साह और आत्म-संयम का परिणाम है। उन्होंने विभिन्न परिक्षाओं में अपनी क्षमता को साबित किया। केम्पा की कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष से बचने के लिए अपने सपनों का पीछा करना होगा।