ए प्रताप रेड्डी तेलंगाना के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं। उन्होंने कंपनी की शुरुआत 40 साल पहले की थी। उन्होंने बेंक से 25000 रुपये का लोन लिया था। उनका बचपन गरीबी में बीता था। रेड्डी को हर दिन 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था। उन्होंने धैर्य से काम किया। उनका उद्योगपति बनने का सफर था बहुत कठिन। उन्होंने केमिकल कंपनी खोली थी। उन्होंने 3 करोड़ रुपये निवेश किया था।
रेड्डी की कंपनी की मार्केट कैप 7,500 करोड़ रुपये है। उनकी कंपनी भारत की सबसे बड़ी मिथाइलमाइन निर्माता है। रेड्डी ने स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने बड़ी कीमतों में गिरावट लाई। उन्होंने अपने प्रतिस्पर्धियों को टक्कर दी। उनके पास 12 औद्योगिक इकाइयां हैं। रेड्डी का मानना है कि जोखिम लेना बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण है। वे जोखिम लेने में विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि जोखिम लेना व्यवसाय की ग्रोथ के लिए आवश्यक है। रेड्डी का कहना है कि व्यवसाय में जोखिम लेना टिकाऊ होता है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हौसला नहीं खोया।
उन्होंने ब्रांड स्टोरी में सफलता का सफर तय किया। रेड्डी ने केमिकल कंपनी बालाजी एमाइंस की शुरुआत की थी। उन्होंने 1988 में कंपनी की शुरुआत की थी। रेड्डी ने छोटे छोटे बिजनेसों में हाथ आजमाया था। उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने बालाजी एमाइंस को दुनिया की दिग्गज कंपनियों में लाकर खड़ा किया। उन्होंने स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर दी।