गांव आहोर की रिजवाना महिला सशक्तीकरण की मिसाल हैं। वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए कई महिलाओं को सिखा रही हैं। सिलाई कढ़ाई से लेकर खेती तक, रिजवाना के पास कई कौशल हैं। वह गांव के किचन गार्डन और अन्य काम की खेती करवा रही हैं। अब वह एक बेकरी खोलने की योजना बना रही हैं। रिजवाना की कहानी ग्रामीण महिला की सफलता की कहानी है। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया।
उनके पास वे कौशल हैं जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हैं। रिजवाना को एसएचजी के अध्यक्ष बनाया गया। वह महिलाओं के लिए पारिवारिक बांधाओ को तोड़ने का अवसर बनाती हैं। उन्होंने खुशी ग्राम संगठन बनाया। वह ग्राम की कई जरूरतमंद महिलाओं को उससे जोड़ा। उन्होंने आहोर की 30 ग्राम संगठनों के महासंघ की प्रमुखता की। रिजवाना को प्रशिक्षण और कार्यशालाओं में भाग लेने का मौका मिला।
वह एक मास्टर डिजिटल सखी बनीं। उन्हें गांव में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने का जिम्मेदारी दी गई। रिजवाना ने समाज में एक नई दिशा स्थापित की। उनकी सफलता ने गांव की महिलाओं को प्रेरित किया। उनकी कहानी में सशक्तिकरण और समर्पण का संदेश है। रिजवाना ने महिलाओं के लिए एक मानवीय सेवा का काम किया है। उन्होंने सामाजिक बदलाव को उत्पन्न किया। उनका काम महिलाओं की आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने में मदद करता है। रिजवाना ने साबित किया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं।