Chhattisgarh’s Rohini Wins Paralympics Award: रोहिणी साहू जो एक दिव्यांग महिला है. उनको खेलों में चार साल से उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार मिला है. रोहिणी साहू एक ऐसी लड़की है जिन्होंने विकलांगता को अभिशाप नहीं माना। वे पैरालंपिक फेंसिंग में सफल हुईं और शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार से सम्मानित हुईं। रोहिणी ने नौकरी की अपील की ताकि वह खेलने के साथ अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। उन्हें नौकरी की आवश्यकता है ताकि वे अपनी प्रतिभा का उपयोग कर सकें।
रोहिणी साहू का कहना है कि विकलांगता एक अभिशाप नहीं है। जो व्यक्ति इसको अपनी कमजोरी मानेगा वो जीवन में कुछ नहीं कर पायेगा. जबकि इसे एक प्रेरणा के तौर पर देखना चाहिए. विकलांगता को कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत मानने की जरूरत है।
रोहिणी ने पैरालंपिक फेंसिंग में सफलता प्राप्त की।
उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अवार्ड शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार प्राप्त किया। खेल में रोहिणी साहू का परिवार ने भी उनका साथ दिया। सभी के जीवन में अक्सर ऐसा लगता है की जिंदगी में कुछ नहीं हो सकता लेकिनजिन्हें हम चुनौतियों में बदल सकते हैं। रोहिणी ने अपनी विकलांगता को प्रेरणा का स्रोत बनाया। रोहिणी ने 2014 से गेम खेलना शुरू किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सिल्वर मेडल जीता। वे
हरियाणा, चेन्नई, ओडिशा, मणिपुर में गोल्ड मेडल जीते। उन्हें नौकरी की भी जरूरत है। रोहिणी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से नौकरी के लिए अपील की। वे पैरालंपिक फेंसिंग में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।