भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5500 करोड़ रुपए की लागत से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के लोगों को 105 किलोमीटर लंबे आउटर रिंग रोड की सौगात दी है। इस आउटर रिंग रोड के बन जाने से लखनऊ आने-जाने वाले वाहन अब बिना शहर में प्रवेश किए ही बाहर से ही जा सकेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उपलब्धियों की सराहना की और योगी आदित्यनाथ की सहायता का भी धन्यवाद दिया।

इस रिंग रोड के बनने से लखनऊ शहर की 20 लाख से ज्यादा आबादी को फायदा होगा। सीतापुर, अयोध्या, सुलतानपुर, रायबरेली, कानपुर और हरदोई रोड की तरफ से आने- जाने वाले वाहन अब बिना लखनऊ शहर में प्रवेश किए ही बाहर से ही दुसरे शहर में प्रवेश कर सकेंगे. मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने आउटर रिंग रोड का वर्चुअली उद्घाटन किया।


यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद दिया और उनके सपनों साकार किया है। रक्षा मंत्री ने लखनऊ को हजारों करोड़ रुपए के योजनाओं की सौगात दी। यमुना किनारे लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से बनाए जा रहे ग्रीन कॉरिडोर से शहर के अंदर का पूरा जाम खत्म हो जाएगा। रक्षामंत्री ने कहा कि लखनऊ के लोगों को इससे बहुत फायदा होगा।

105 KM लंबे आउटर रिंग रोड से शहर में बिना घुसे 1 लाख से अधिक वाहन निकल जाएंगे। राजनाथ सिंह ने इस लंबे आउटर रिंग रोड बनने का श्रेय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को दिया। यह आउटर रिंग रोड राक्षामंत्री राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है। आउटर रिंग रोड का निर्माण 5 पैकेज में किया गया है। इसके बनने में करीब 5500 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ से कानपुर एक्सप्रेस वे भी अगले साल तक तैयार हो जाएगा। कानपुर एक्सप्रेस वे के बनने के बाद लखनऊ से कानपुर जाने में 40 से 45 मिनट समय लगेगा।

किसान पथ 2016 में बनना शुरू हुआ था। तब लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था। बताया जाता है कि यह आउटर रिंग रोड रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है। आउटर रिंग रोड का निर्माण 5 पैकेज में किया गया है। इसे बनाने में करीब 5500 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ से कानपुर एक्सप्रेस वे भी अगले साल तक तैयार हो जाएगा। कानपुर एक्सप्रेस वे के बनने के बाद लखनऊ से कानपुर जाने में 40 से 45 मिनट समय लगेगा। किसान पथ 2016 में बनना शुरू हुआ था। तब लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था।