हर साल लाखों युवा सिविल सर्विस परीक्षा को पास कर IAS-IPS बनने का सपना देखते हैं। बिहार के मधुबनी से आने वाले मुकुंद कुमार झा ने अपने पहले ही प्रयास में 2019 में 54वीं रैंक लाकर सबको चौंका दिया। मुकुंद ने बिना कोचिंग के सहारे उपसी क्लियर पास की और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी में धीरज और योजना के साथ लंबा समय बिताया।

प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम को समझने में उन्होंने विशेष ध्यान दिया। उन्होंने प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी को समान रूप से किया। मुकुंद ने ऑप्शनल सब्जेक्ट को भी ध्यान से तैयार किया। मुकुंद ने मॉक टेस्ट के महत्व को समझा और उन्हें लाभ उठाया। उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाई और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया। मुकुंद के प्रार्थना मंदिर में स्टडी रूम की एक तस्वीर लगाई गई थी। उन्होंने प्रारम्भिक परीक्षा की तैयारी में अर्थव्यस्था, पर्यावरण, पॉलिटी और इतिहास को प्राथमिकता दी।

मुकुंद ने 12 से 15 महीने की तैयारी के बाद अगले 3-4 महीने में अध्ययन किया। उन्होंने 20 महीने की तैयारी के बाद प्रारंभिक परीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया। मुकुंद ने मॉक टेस्ट के महत्व को समझा और उनसे लाभ उठाया। उन्होंने फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया से दूरी बनाई। मुकुंद का जन्म बिहार के मधुबनी में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। मुकुंद के परिवार ने उनकी पढ़ाई में हमेशा सहारा दिया। मुकुंद ने समाजिक दूरी बनाई रखकर अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी में अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, पॉलिटी और इतिहास पर ध्यान केंद्रित किया।

मुकुंद ने 12 से 15 महीने की तैयारी के बाद अगले 3-4 महीने में अध्ययन किया। उन्होंने 20 महीने की तैयारी के बाद प्रारंभिक परीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया। मुकुंद ने मॉक टेस्ट के महत्व को समझा और उनसे लाभ उठाया। उन्होंने फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया से दूरी बनाई। मुकुंद का जन्म बिहार के मधुबनी में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।