शिवानी सिंह गाजियाबाद की हैं और वह नमो भारत ट्रेन की पायलट हैं। उनके बचपन में उन्हें कपड़े सिलने का काम करना पड़ा था। शिवानी ने नमो भारत ट्रेन के पहले पायलटों में से एक थीं। वह ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई थीं।शिवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ से ट्रेन की हरी झंडी देखी थी। शिवानी को एक सरकारी कंपनी ने नए प्रोजेक्ट के लिए सेलेक्ट किया। उन्हें ट्रेनिंग के लिए 22 साल की उम्र में चुना गया था।

शिवानी ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स किया था। उन्होंने बचपन में कपड़े सिलने का काम करके पैसे जमा किए थे। शिवानी ने एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में ट्रेनिंग ली थी। ट्रेनिंग का पहला चरण लखनऊ मेट्रो में हुआ था। उन्हें ट्रेन की संचालन की विधि सीखाई गई थी। शिवानी ने सिमुलेटर पर और वास्तविक रेलों पर ट्रेनिंग ली थी। उन्हें दुहाई डिपो में अधिक ट्रेनिंग दी गई थी। शिवानी की उम्र 12 साल थी जब उनके पिता का निधन हुआ था। उन्होंने परिवार का संभाला और अपने सपनों को पूरा किया। शिवानी ने अपने बचपन में ही कपड़े सिलने का काम शुरू किया था।

उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लिए अपनी पढ़ाई की। शिवानी को सरकारी कंपनी ने नए प्रोजेक्ट के लिए सेलेक्ट किया। उन्होंने 22 साल की उम्र में ट्रेनिंग ली थी। शिवानी ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स किया था। उन्होंने सिमुलेटर पर और वास्तविक रेलों पर ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने अपने संघर्ष को याद किया और सफलता की ओर बढ़ते रहे। शिवानी ने ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ से ट्रेन की हरी झंडी देखी थी।