उत्तर प्रदेश के बांदा में गांव की महिलाएं गाय के गोबर से दीये बना रही हैं। इन दीयों से दीवाली के फेस्टिव सीजन में उनकी अब तक बढ़िया आमदनी हुई है। महिलाओं को इसका आइडिया IAS अफसर ने दिया। उन्हें प्रशिक्षित किया गया था। आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल और उनकी टीम ने इसका संचालन किया। आईएएस अधिकारी ने महिलाओं को पर्यावरण-अनुकूल दीयों को बनाने के लिए प्रशिक्षित किया। गांव की महिलाओं को गाय के गोबर का उपयोग करने में मदद मिली।
इससे उनके परिवारों की आय में वृद्धि हुई। गोबर से बने दीये हानिकारक कीड़ों को दूर रखने में मददगार होते हैं। इन दीयों का उपयोग करने के बाद राख में बदल जाते हैं। दुर्गा शक्ति नागपाल को विदित महिला अफसर माना जाता है। उनके पिता और दादा भी सरकारी अधिकारी थे। उन्होंने इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी से बीटेक किया था। उन्होंने 2008 में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी।
उन्होंने 2009 में भारतीय राजस्व सेवा का सेलेक्शन पाया था। उन्होंने 20वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें पंजाब कैडर मिला था। वहां उन्होंने कई घोटालों का खुलासा किया था। उन्होंने रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की थी। कई महिलाएं इन दीयों को बनाने में लगी हैं। उनके घर की आमदनी में इजाफा हुआ है। पहले गोबर खाद या उपलों का उपयोग होता था। अब महिलाओं को इससे कमाई का रास्ता मिल गया है। बड़ी संख्या में महिलाएं इस दीवाली में ऐसे दीये बनाए हैं।