उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र का बांदा देश का ऐसा प्रथम जिला बनने जा रहा है जिसके सभी गांव में डिजिटल लाइब्रेरी होगा. उत्तर प्रदेश का बांदा जिला शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ चूका है. पिछड़े शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिला प्रशासन ने एक अनोखा कदम उठाया है. जिस छात्र और छात्राओं को पढने पढ़ाने में मुश्किल हो रही है वो इस लाइब्रेरी का लाभ ले सकते है.

यहाँ उत्पन्न हुई आशिक्षा की समस्या को हल करने के लिए सरकार ने ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना का प्रस्ताव रखा है। जिसके लिए पंचायतो को 15 वें वित्त से चार लाख रुपए राशी के मदद से डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएगी. इसके लिए पूरी व्यस्था की जा रही है. डिजिटल लाइब्रेरी के लिए कंप्यूटर , बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी टेबल और किताबों की व्यवस्था की जा रही है.

सभी उपयुक्त सामग्री से साथ डेली का न्यूज़पेपर , टेलीविजन, और आपस में डिस्कशन करने के लिए कांफ्रेंस हॉल की व्यास्वस्था की जा रही है. साथ हीयहां पर उपलब्ध होगी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी छात्रों को मोटीवेट किया जायेगा.

मिली जानकारी के अनुसार इसमें एक साथ में 20 से 25 बच्चें के बैठने की समुचित व्यवस्था होगी. सुदूर वर्ती इलाके से आने वाले बच्चो को भी उत्तम शिक्षा का प्लेटफार्म मिल पायेगा. यह पहल देश के ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई राह दिखा रही है. जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक अधिकार और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।